पिछले स्केल में 65, 70 और 75 साल की उम्र में पांच फीसदी वृद्धि दो, नहीं तो पेंशनर्स करेंगे आंदोलन
विकास थापटा
शब्दरेखा पड़ताल
हिमाचल प्रदेश में पेंशनर भी हर चुनाव की दिशा में मोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पेंशनर्स कल्याण संघ के इन दिनों खंड स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के चुनाव की प्रक्रिया चली हुई है। इनके नए नियुक्त प्रतिनिधि पेंशनरों के मुद्दों पर बहुत मुखर हैं। शब्दरेखा संपादक विकास थापटा ने हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स कल्याण संघ की मशोबरा खंड इकाई के अध्यक्ष गंगाराम शर्मा से इंडियन काॅफी हाउस में विशेष बातचीत कीै। लीजिए कुछ सारगर्भित अंश:
प्रश्न: पेंशनरों की प्रमुख समस्याएं क्या है?
उत्तर: पंजाब के पिछले स्केल के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों यानी पेंशपरों को 65, 70 और 75 साल के बाद बेसिक पेंशन में पांच फीसदी की वृद्धि दी गई है। हिमाचल में इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है।
प्रश्न: आपने इस मुद्दे को सरकार के समक्ष कैसे उठाया है?
उत्तर: पीटरहाॅफ शिमला में हुए एक सम्मेलन में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी इस बारे में घोषणा की थी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी इस बारे में मांग की जा चुकी है, मगर इस बारे में कोई गौर नहीं किया जा सकता है।
प्रश्न: मांगें पूरी नहीं हुई तो आपकी अगली रणनीति क्या है?
उत्तर: इसे नहीं दिया गया तो प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
प्रश्न: मशोबरा खंड में पेंशनरों की क्या समस्याएं हैं?
उत्तर: मशोबरा ब्लाॅक के हाल ही में चुनाव हुए थे, मुझे सर्वसम्मति से चुना गया है। मशोबरा खंड में मेडिकल के बिल बहुत हैं, जो अभी तक नहीं दिए। पेंशनर इससे नाराज हैं। डीए की बात है कि 35 प्रतिशत डीए ड्यू था, मगर इस बार केवल छह प्रतिशत दिया गया है। 29 प्रतिशत अभी तक नहीं दिया गया है। डीए की तीन किस्तें फ्रीज की गई। कोविडकाल में भी प्रति पेंशनर हमने सरकार को 50 हजार रुपये दिए कम से कम हमें डीए तो दे ही दें।
प्रश्न: पेंशनरों के जेसीसी का क्या हुआ
उत्तर: लंबे वक्त से बैठक नहीं हुई है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि जिस तरह से कर्मचारियों की संयुक्त सलाहकार समिति यानी जेसीसी की बैठक को बुलाए जाने की तैयारी है। वैसे ही हमारी जेसीसी भी बुलाई जाए।