यह वेबसाइट क्यों
शब्दरेखा, शिमला
शिमला शहर एक ऐतिहासिक स्थल है। विश्व के मानचित्र पर इसकी अभिन्न पहचान है। उन्नीसवीं शताब्दी के अंत में अंग्रेजों की राजधानी के रूप में इसकी स्थापना हुई थी। उससे पहले यह एक घना वन क्षेत्र था, ऐसा बताया जाता है। इसकी परिधि पर ही कुछ गांव बसे थे। मध्य में बसावटें अंग्रेजों के समय स्थापित हुईं। तबसे लेकर आज तक शिमला कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी बना हुआ है। चाहे भारत की आजादी का संग्राम हो, रियासतों के खिलाफ प्रजामंडल के आंदोलन हों या हिमाचल प्रदेश के अलग राज्य के रूप में गठन का हमारे पुरखों का संघर्ष हो।

दुनिया के किसी भी कोने में जब भी शिमला शब्द किसी भी व्यक्ति के मानसपटल पर आता है तो ठंडी-ठंडी हवाएं, यहां के देवदारों, बान-बुरांस की हरियाली, रिज, मालरोड से लेकर कुफरी तक चहकते पर्यटक, बर्फ के फाहें, हिम चादर ओढे़ इस हिल्स क्वीन की छवि सामने आती है। रिज मैदान स्थित क्राइट चर्च हिल्स क्वीन शिमला का ताज जैसा दिखता है तो ऊपर जाखू पर्वत पर विशालकाय हनुमान की प्रतिमा आकाश मार्ग से इस पर्वत शिखर पर उनके अभी-अभी उतरने का आभास देती है। पूरा शिमला इस पर्वत की परिक्रमा में बसा दिखता है। मिडल बाजार में जामा मस्जिद, जैन मंदिर और बस स्टैंड स्थित गुरुद्वारा इस शहर की सर्वधर्म समन्वय को दर्शाती तस्वीर पेश करते हैं। यहां तमाम धर्मों के लोग शांति से जीवनयापन करते हैं जो देश-दुनिया के लिए उदाहरण हैं। प्रदेश के हर क्षेत्र के लोग यहां बस गए हैं। यहां दुनिया भर से पर्यटक आते हैं और यहां की आबोहवा और प्रकृति के नजारों का लुत्फ लेते हैं। ऐसे में शिमला किसी एक का नहीं, न अकेला मेरा, न आपका, यह सबका है। सभी को यह अपना लगता है। यह सबका प्रिय है।
मैं अरसे से सामाजिक क्षेत्र से जुड़ा हूं। तेजाब कांड की शिकार बनी शिमला की बेटी ईशिता के इंसाफ की लड़ाई हो, गुड़िया के इंसाफ की जंग हो या शिमला में युवा पीढ़ी को खोखला करते नशा माफिया के खिलाफ आंदोलन हो, मैंने ऐसे तमाम मामलों से जुड़कर अपने जीवन के इस कालखंड का छोटा सा हिस्सा समर्पित करने का प्रयास किया है। अब मैं यह वेबसाइट शुरू कर इसे शिमला की सेवा में समर्पित करना चाहता हूं, जिसमें आप सबका सहयोग अपेक्षित है। इसमें शिमला शहर के तमाम मुद्दों को उठाने का प्रयास करूंगा, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, कारोबार, पर्यटन, धर्म-संस्कृति, महिला, युवा, बुजुर्ग, बागवानी, अपराध अन्वेषण, कर्मचारी, सचिवालय के गलियारे, म्युनिसिपेलिटी, राजनीति जैसे मसले होंगे। इसमें शिमला के अतीत और वर्तमान को झांकने के लिए भी एक झरोखा होगा।
यह वेबसाइट मैं शिमला शहर के बाशिंदों, देश-दुनिया से यहां आने वाले पर्यटकों और अपने सभी सहयोगी मित्रों को समर्पित करता हूं। देवभूमि के तमाम देवी-देवताओं और ईश्वर को प्रणाम करते हुए मैं सदैव आपके आशीर्वाद और मार्गदर्शन की कामना करता हूं।
- विकास थापटा
संपादक
आईना ए शिमला