जुब्बल-कोटखाई में नीलम सरैईक के लिए कर रहीं प्रचार, चेतन के साथ फोटो में नजर आए उपमहापौर शैलेंद्र चौहान भी अब नीलम के लिए करेंगे प्रचार
विकास थापटा
शब्दरेखा पड़ताल, शिमला।
नगर निगम शिमला के भाजपा पार्षदों ने भी जुब्बल-नावर-कोटखाई में भाजपा की उम्मीदवार नीलम सरैईक के पक्ष में जोरों-शोरों से प्रचार करना शुरू कर दिया है। उन्होंने प्रचार को तेजी उस घटना के बाद दी है, जब उप महापौर शैलेंद्र चौहान की चेतन बरागटा के साथ प्रचार करती फोटो वायरल हुई और उन्हें भाजपा कार्यकर्ताओं ने खूब ट्रोल किया।
नगर निगम शिमला के ये भाजपा पार्षद इंजनघर से आरती चौहान, कंगनाधार से रेणु चौहान और इंद्रनगर ढली से पार्षद कमलेश मेहता हैं। ये तीनों पार्षद मूल रूप से जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र से संबंध रखते हैं। ये भली-भांति जानते हैं कि आगामी मई 2022 तक संभावित नगर निगम शिमला के चुनाव में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज की विशेष भूमिका रहने वाली है, वह शिमला शहर के ही विधायक हैं और पूर्व में महापौर सत्या कौंडल की नियुक्ति में भी उनकी भूमिका रही है। पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा के देहांत के बाद शिमला जिला से भाजपा के एकमात्र बडे़ नेता अब सुरेश भारद्वाज ही हैं। नरेंद्र बरागटा के रहते हुए सुरेश भारद्वाज को चहेतों को टिकट दिलाने में खासी चुनौती रहती आई है। ये तीनों पार्षद नरेंद्र बरागटा के करीबी भी माने जाते रहे हैं। पर अब ये अपना भविष्य संवारने के लिए पार्टी के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं।
शैलेंद्र चौहान को अब चेतन बरागटा के प्रचार से अलग होना पड़ा
पिछले दिनों डिप्टी मेयर शैलेंद्र चौहान की चेतन बरागटा के साथ प्रचार की फोटो वायरल हुई तो प्रदेश भाजपा नेतृत्व की आपत्ति के बाद शैलेंद्र चौहान को चेतन बरागटा के प्रचार से अलग कर दिया गया है।
शैलेंद्र ने सुरेश भारद्वाज के साथ भी अच्छे संबंध बनाने शुरू कर दिए थे। पर वह चेतन बरागटा के निर्दलीय चुनाव में उतरने के बाद दुविधा में थे और इसी बीच वह चेतन के लिए प्रचार में उतर गए थे। अब पार्टी की कार्रवाई से बचने और भाजपा के पार्षदों के विरोधी खेमे के विरोध के बाद शैलेंद्र चौहान को अब चेतन बरागटा के प्रचार से अलग होना पड़ा है। अब वह भाजपा प्रत्याशी नीलम सरैईक के प्रचार में उतरने वाले हैं।
रोहित ठाकुर के लिए समय नहीं दे पा रहे कांग्रेस पार्षद, पूर्व पार्षद
कसुम्पटी से कांग्रेस के पार्षद राकेश चौहान भी जुब्बल-कोटखाई के धार गांव के निवासी हैं। वह जुब्बल-कोटखाई में रोहित ठाकुर के प्रचार में नहीं जा रहे हैं। उनकी ड्यूटी अर्की में लगा दी गई है। उनके भाई पूर्व पार्षद महेश्वर चौहान तो पहले से ही कांग्रेस में बड़ी भूमिका है। वह पार्टी के प्रदेश सचिव और लाहौल स्पीति कांग्रेस का काम देख रहे हैं। इसलिए उन्हें मंडी लोकसभा उपचुनाव में भी समय देना पड़ रहा है।
लाहौल स्पीति में जिला परिषद चुनाव में भी वह कांग्रेस को कामयाबी दिलाने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती रही है। नाभा से कांग्रेस पार्षद सिमी नंदा भी यहां ज्यादा वक्त नहीं दे पा रही हैं। उनके पति अमित नंदा तो पिछली बार लोकसभा टिकट के भी दावेदार थे।
इंजनघर के पूर्व पार्षद सुशांत कपरेट और संजौली के पूर्व पार्षद सुधीर आजाद भी कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर के प्रचार में कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। वह एक दो बार ही यहां प्रचार करते नजर आए हैं।
माकपा के भाजपा को हराने के ऐलान के बाद माकपा के नेता शिमला के,भूतपूर्व मेयर संजय चौहान भी क्षेत्र में कहीं भी जमीनी स्तर पर काम करते नहीं दिखे ! ऐसे कैसे उनकी पार्टी भाजपा को हराना चाहती हैं ये समझ से परे है!
