पार्वती हाइड्रो प्रोजेक्ट चरण-2 से 25 साल बाद बिजली उत्पादन मंगलवार को शुरू हुआ, इससे 9 राज्यों को बिजली मिलेगी। इस परियोजना की लागत 13045 करोड़ रुपए है और 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा
शब्द-रेखा
कुल्लू – 25 साल का लंबा वक्त और 13 हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत, आखिरकार अब पार्वती प्रोजेक्ट चरण-2 से बिजली उत्पादन शुरू कर दिया गया है। इस परियोजना से करीब 9 राज्यों को बिजली मिलेगी हालांकि, उत्तर भारत में पंजाब को यहां से बिजली नहीं दी जाएगी।

मंगलवार को एनएचपीसी पार्वती जल विद्युत परियोजना-2 के कार्यपालक निदेशक निर्मल सिंह ने पूरे प्रोजेक्ट को लेकर जानकारी दी
उन्होंने बताया कि पार्वती जल विद्युत परियोजना-2 का निर्माण साल 2002 में शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि इस परियोजना की हेड रेस टनल 31 किलोमीटर लंबी है, जो देश की सबसे बड़ी विद्युत टनल है। इस परियोजना को 7 साल में पूरा होना था, लेकिन हेड रेस टनल (HRT) निर्माण में अधिक समय लगा और करीब 25 साल में काम पूरा हुआ है।
इन राज्यों को सप्लाई होगी बिजली
पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण-2 से चंडीगढ, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू एवं कश्मीर, राजस्थान, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश को बिजली सप्लाई की जाएगी।
एनएचपीसी परियोजना 2 के कार्यपालक निदेशक निर्मल सिंह ने बताया कि 800 मेगावाट पार्वती जल विद्युत परियोजना-2 के तीन यूनिट का उत्पादन मंगलवार से शुरू हो गया है।
पार्वती परियोजना काफी देर से बनी है, किंतु ऊर्जा की नवरत्न कंपनी एनएचपीसी के लिए सौगात लेकर आई है। एनएचपीसी भारत का सबसे बड़ा जलविद्युत संगठन है
निर्मल सिंह ने बताया कि 800 मेगावाट पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण-2 के तीन यूनिट का उत्पादन मंगलवार से शुरू हो गया है यहां पर सालाना 3074 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। इस परियोजना की कुल लागत 13045 करोड़ रुपए है और इसका चौथा यूनिट भी जल्द शुरू होगा, इस परियोजना से 12% बिजली प्रदेश सरकार को मुफ्त में मिलेगी।
कहां बनी है ये परियोजना
पार्वती जल विद्युत परियोजना 2 की कुल स्थापित क्षमता 800 मेगावाट (4 x 200 मेगावाट) है। यह हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में पार्वती नदी पर स्थित है, यह मणिकर्ण घाटी में पुलगा गांव के पास 83.7 मीटर ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी बांध बनाकर पार्वती नदी की धारा को मोड़कर 31.56 किलोमीटर लंबी हेड रेस सुरंग (HRT) के माध्यम से सैंज घाटी के सिउन्द में 1 बिजलीघर तक ले जाया गया है, यह HRT भारत की सबसे लम्बी जल विद्युत सुरंग है यह 31.56 किलोमीटर लंबी है। यह परियोजना 862.50 मीटर के सकल हेड का उपयोग करती है और इसमें 200 मेगावाट की चार पेल्टन टर्बाइन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें टनल बोरिंग मशीनों (TBM) का उपयोग करके खोदी गई दुनिया की सबसे लंबी झुकी हुई प्रेशर शाफ्ट सुरंगें हैं। इस परियोजना से 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है, हिमाचल प्रदेश को इस परियोजना से 12% मुफ्त बिजली मिलेगी और 1% अतिरिक्त बिजली का उपयोग स्थानीय क्षेत्र के विकास के लिए आवंटित की जाएगी ।
पार्वती -2 के सिउन्द स्थित पावर हाउस में मंगलवार को ऊर्जा उत्पादन के पहले ही दिन 13 लाख यूनिट बिजली पैदा की है, जो कि ऊर्जा उत्पादन के शुरुआती दौर में अपने आप में एक रिकार्ड है। पार्वती प्रबंधन के आंकड़ों के मुताबिक प्रोजेक्ट में कमाई करने के मामले में बाजी मारी है और, देर-शाम तक पहले दिन की कमाई एक करोड़ बीस लाख बताई गई है।
खुशी की बात यह है कि 12 फीसदी रॉयल्टी मिलने के एवज में पहले ही दिन प्रदेश सरकार को 15 लाख रुपए मिलने शुरू हो गए हैं। प्रोजेक्ट के सफल संचालन पर स्टाफ ने डीजे की धुन पर जमकर डांस किया।