शब्दरेखा, शिमला
जुब्बल-नावर-कोटखाई में इस बार विधानसभा उपचुनाव के लिए मुकाबला बहुत रोचक हो गया है। प्रदेश में करीब 5000 करोड़ रुपये की सेब की आर्थिकी हैै। इस बार यहां पर कांग्रेस के रोहित ठाकुर, भाजपा की नीलम सरैईक और निर्दलीय विधायक चेतन बरागटा के बीच मुकाबला है। इस बार पहली बार ऐसा हुआ है कि सेब बहुल जुब्बल-कोटखाई-नावर विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी चेतन बरागटा को सेब चुनाव चिन्ह के रूप में मिला है।
चेतन के पिता नरेंद्र बरागटा बागवानी मंत्री रहे हैं और वह प्रदेश में सेब बागवानी के कई मुद्दे प्रमुखता से उठाते रहे हैं। कई बार अपनी ही सरकार की नीतियों की भी वह मुखालफत करते थे। ऐसे में यह संयोग ही है कि उनके देहांत के बाद होने जा रहे उपचुनाव के बाद उनके बेटे का टिकट कटा तो उन्हें सेब चुनाव चिन्ह मिला। यह भी गजब संयोग है। चेतन इसे भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे।
भाजपा के लोग चुटकी लेकर कह रहे हैं कि सेब का फल तो फूल आने के बाद ही उगता है, इसलिए वे कमल के फूल पर वोट डालें। कांग्रेसी तंज कर रहे हैं कि सेब का फल तो हाथ से ही टूटेगा। जुब्बल-नावर-कोटखाई में प्रदेश का करीब लगभग साठ फीसदी सेब होता है।